पेंशन प्लान
आगे देखें और बेहतर जीवन जियें

सेवानिवृत्ति के बाद भी अपने मनपसंद तरीके से जीवन जीना जारी रखें। केवल तीन सरल अनुशासन का पालन करें - अपने लक्ष्यों की योजना बनाएं, समझदारी से निवेश करें, और अपने निवेश को मॉनिटर करें।
हमारे रिटायरमेन्ट प्लान देखें। एक तनावमुक्त जीवन जियें
इंडियाफर्स्ट के रिटायरमेन्ट प्लान को क्यों चुनें?
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आपके पूरे जीवनकाल के दौरान आश्वासन
आरम्भिक वर्ष के दौरान किए जाने वाले कुल भुगतान पर सुनिश्चित रिटर्न पाएं और अपना भविष्य सुरक्षित करें।
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अपने मनचाहे समय पर रिटायरमेन्ट लें
यदि आप जीवन के शुरुआती दौर में ही निवेश करना शुरू कर दें, तो कम आयु में ही आपके पास एक अच्छी खासी धनराशि एकत्रित हो जाएगी। यह आपको अपनी सेवानिवृत्ति आयु चुनने तथा जीवन की परेशानियों से निपटने में सहायता करेगा।
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भुगतान में लचीलापन
आप प्रीमियम का भुगतान तीन तरीके से कर सकते हैं - केवल एक बार, पूरी पॉलिसी के दौरान, अथवा केवल एक निश्चित समय अवधि तक। आपके यह भी चुनने का विकल्प है कि आप वर्ष में एक बार, वर्ष दो बार, प्रत्येक तीन महीने पर या प्रति माह भुगतान करना चाहते हैं।
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नियमित आय
अपने पूरे सेवानिवृत्ति वर्षों के दौरान एक निश्चित वार्षिक, अर्द्धवार्षिक, त्रैमासिक या मासिक आय प्राप्त करें।
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अपनी सेवानिवृत्ति आयु चुनें
आप अपनी आवश्यकता के अनुसार अपनी सेवानिवृत्ति आयु चुन सकते हैं, और 40 से 80 वर्ष की आयु के दौरान नियमित आय प्राप्त करना शुरू कर सकते हैं।
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अतिरिक्त कवर
इसमें आपकी आवश्यकता एवं जरूरत के अनुसार विभिन्न एन्युटी विकल्पों में से चुनने की सुविधा है।
विचार करने वाले कुछ कारक
शीघ्र ही शुरुआत करें
अपनी सम्भावित सेवानिवृत्ति आय की रूपरेखा बनाएं
अपने जीवन चरण के आधार पर योजना बनाएं
एन्युटी प्लान
पेंशन प्लान
जब आपकी प्रोफेशनल आय में कमी आने लगे तो भी आपकी जीवनशैली में कोई कमी ना आए, यह सुनिश्चित करने के लिए सेवानिवृत्ति की योजना बनाना एक मृत्यु चरण है। भारत में विश्वसनीय पेंशन प्लान की सहायता से आप अपनी वृद्धावस्था में अपनी इच्छाओं से कोई समझौता किए बिना अपनी मनचाही जीवनशैली का आनंद ले सकते हैं। लगातार बढ़ती कॉस्ट ऑफ लिविंग और मुद्रास्फीति के चलते आज के दौर में सेवानिवृत्ति की योजना बना पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गया है।
कोई व्यक्ति जीवनभर काम करने के बाद सेवानिवृत्ति होता है। आप अपने प्रियजनों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह कर चुके होते हैं, आपके पास चैन से जीने का अधिकार होता है। आदर्श तौर पर आपकी सेवानिवृत्ति के साथ ही आपके जीवन के एक मजेदार दौर का आरम्भ होना चाहिए—अब आपकी कोई जिम्मेदारी नहीं बची होती है, आप कुछ भी मनचाहा कर सकते हैं, और आपके पास मन की शांति होनी चाहिए। ऐसे में आने वाले कल को मजेदार बनाने और उसका आनंद लेने के लिए सेवानिवृत्ति की योजना बनाना एक गम्भीर और महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका ख्याल आपको आज ही रखना होगा।
सेवानिवृत्ति के बाद भी अपने मनपसंद तरीके से जीवन जीना जारी रखें। अपने सेवानिवृत्ति लक्ष्यों की रूपरेखा बनाएं, भारत में सबसे अच्छे रिटायरमेन्ट प्लान में निवेश करें, और अपने निवेश की वृद्धि को मॉनिटर करें, जिससे यह सुनिश्चित हो कि आपकी सेवानिवृत्ति योजना सही दिशा में जा रही है।
एक पेंशन प्लान क्या है?
जीवन में किसी भी चीज का महत्व इस बात पर निर्भर करता है कि आप उसे कितना महत्व देते हैं। आपके लिए सेवानिवृत्ति का क्या अर्थ है? अधिकांश लोगों के लिए सेवानिवृत्ति का अर्थ है कि अब उन्हें पहले की तरह 9 से 5 की नौकरी नहीं करनी पड़ेगी। अब आप अपनी मनचाही जगहों पर घूम-फिर सकते हैं, और ऐसी सभी चीजों का आनंद उठा सकते हैं, जो पहले समय की कमी के कारण नहीं कर पाते थे।
यदि आप इस खाली समय के सभी लाभों का आनंद लेना चाहते हैं, तो पहला चरण यह सुनिश्चित करना है कि सभी व्यावहारिक एवं लॉजिस्टिक सम्बन्धित विषयों का पहले से ही ध्यान रखा जाए। सेवानिवृत्ति की पर्याप्त योजना के साथ आपको अपनी प्रोफेशनल आय में कमी आने की चिंता नहीं करनी होगी, ना ही आपको सेवानिवृत्ति के बाद किसी अनपेक्षित नए खर्च पूरा करने के लिए चिंता करनी होगी।
यदि आप देखें कि मुद्रास्फीति में लगातार कितनी वृद्धि हो रही है, तो सेवानिवृत्ति बीमा उत्पादों के लाभ बिलकुल सुस्पष्ट हो जाते हैं। विश्वसनीय सेवानिवृत्ति लाभ योजनाओं के साथ सुनिश्चित करें कि आपकी सेवानिवृत्ति तनाव-मुक्त हो।
रिटायरमेन्ट प्लान अथवा पेंशन प्लान एक ऐसा वित्तीय उत्पाद होता है, जिसे विशेष तौर पर प्रोफेशनल आय बंद हो जाने के बाद आपकी विशिष्ट वित्तीय सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए बनाया जाता है। भारत में एक सामान्य पेंशन प्लान में यह सुविधा होती है कि आप लम्बे समय तक अपनी वर्तमान आय में से एक छोटा सा हिस्सा उस प्लान में निवेश करते जाते हैं। संचित होने वाला धनसंग्रह उस पर मिलने वाले चक्रवृद्धि लाभों की सहायता से और भी बेहतर हो जाता है, तथा आप प्रोफेशनल रूप से सेवानिवृत्त हो जाने के बाद उसे मासिक आय के रूप में प्रयोग कर सकते हैं।
भारत में किस प्रकार के रिटायरमेन्ट प्लान हैं?
भारत में विभिन्न प्रकार के रिटायरमेन्ट प्लान हैं, वे आमतौर पर लाइफ / इमीडिएट / डिफर्ड एन्युटी, राष्ट्रीय पेंशन योजना, पेंशन फंड तथा यूलिप की श्रेणियों के अन्तर्गत आते हैं।
पेंशन प्लान, लाइफ कवर सहित / रहित
पेंशन बीमा योजना में आपके पास मन की शांति होती है कि जहां एक ओर आप अपने भविष्य के लिए बचत कर रहे हैं, वहीं दूसरी और आपका जीवन भी कवर्ड होता है। किसी दुर्भाग्यशाली घटना की स्थिति में आपकी बीमा सेवानिवृत्ति पॉलिसी में नामित लाभार्थी को बीमाधन के रूप में एक एकमुश्त राशि मिलती है।
भारत में कुछ पेंशन योजनाओं में जीवन बीमा घटक नहीं होता है। कुछ योजनाओं में आपकी असामयिक मृत्यु की स्थिति में आपके लाभार्थियों को ठीक उसी एकमुश्त-राशि का भुगतान किया जाता है, जो कि आपने प्लान प्रभावी रहने के दौरान निवेश किया था। अर्थात उसमें आपके नामिती को कोई बीमाधन या लाइफ कवर का भुगतान नहीं किया जाता है।
एन्युटी बीमा पेंशन योजनाएं
एक एन्युटी प्लान एक ऐसी पॉलिसी होती है, जिसमें आप एक ही भुगतान या आवधिक भुगतानों की सहायता से एक निश्चित धनराशि का निवेश करते हैं, जिसमें आपको एक्रूड ब्याज एवं बोनस एवं मिलता है (यदि कोई हो)। प्रीमियम भुगतान अवधि की समाप्ति के तुरन्त बाद अथवा भविष्य में एक निश्चित समय पर एक नियमित आय का भुगतान करने के लिए इस धनसंग्रह का प्रयोग किया जाता है।
- एक तत्काल एन्युटी प्लान में आपको प्लान के आरम्भ में एक एकमुश्त प्रीमियम का भुगतान करना होता है, इसमें आपको तुरन्त एन्युटी मिलती है, और आप यह चुनते हैं कि आपको कितने समय अन्तराल पर धनराशि मिलती रहे।
- एक डिफर्ड एन्युटी प्लान में दो विशेष पड़ाव होते हैं - संचयन एवं आय। ऐसे पेंशन प्लान में आप पॉलिसी अवधि के दौरान एक धनसंग्रह का निर्माण करते हैं, और उसके बाद भविष्य में अपने चुने हुए समय के बाद एक आवधिक एन्युटी भुगतान के रूप में पेंशन पाते हैं।
- एक लाइफ एन्युटी प्लान में पॉलिसी धारक को उसकी मृत्यु तक एक पेंशन राशि का भुगतान किया जाता है। यदि ‘पार्टनर के साथ’ विकल्प चुनते हैं, तो आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपके ना रहने पर आपके पार्टनर को पेंशन राशि मिलती रहे।
पारम्परिक पेंशन फंड
कर्मचारी प्रोविडेंट फंड तथा पब्लिक प्रोविडेंट फंड भारत में पेंशन फंड के दो लोकप्रिय उदाहरण हैं। ईपीएफ में वेतनभोगी कर्मचारियों के वेतन के एक निश्चित प्रतिशत का योगदान उनके नियोक्ता द्वारा किया जाता है। पीपीएफ एक जाना-माना बचत इंस्ट्रूमेंट है, जिसमें एक लम्बा लॉक-इन पीरियड होता है, चक्रवृद्धि ब्याज के लाभ होते हैं, और आपकी संचित पूंजी को बनाए रखने का अवसर होता है।
राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस)
भारत सरकार द्वारा विकसित एनपीएस विशेष रूप से ऐसे लोगों की जरूरतें पूरा करती है, जो एक सेवानिवृत्ति धनराशि तैयार करना हैं। यह पारदर्शी इंस्ट्रूमेंट आपको ऑटो एवं एक्टिव मोड में से किसी एक को चुनने की सुविधा देता है। ऑटो मोड में कॉरपोरेट बंधपत्रों, सरकारी बंधपत्रों एवं ईक्विटी में निवेश किया जाना शामिल है। एक्टिव मोड में निवेश का 50% हिस्सा ईक्विटी में होता है, तथा शेष भाग बंधपत्रों में होता है।
यूलिप पेंशन प्लान
यूनिट लिंक्ड बीमा योजनाएं मार्केट-लिंक्ड उत्पाद होते हैं, जो आपके जीवन की सुरक्षा करने और आपके धन को सक्रिय रूप से निवेश करने की दोहरी जरूरत पूरा करते हैं। आपके द्वारा भुगतान किए जाने वाले प्रीमियम को आपकी जोखिम अभिरुचि वाले बंधपत्रों, प्रतिभूतियों एवं स्टॉक में निवेश किया जाता है।
एक रिटायरमेन्ट प्लान में निवेश करने के कौन से लाभ हैं?
चिकित्सा क्षेत्र में होने वाली उन्नतियों एवं बेहतर स्वास्थ्य सेवा सुविधाओं की उपलब्धता की सहायता से भारतीय लोग एक अधिक लम्बे समय तक जीवन जीने का आनंद उठा रहे हैं। यदि आप सेवानिवृत्ति के बाद आराम से जीवनयापन ना कर सकें, तो ऐसे में अधिक लम्बे समय तक जीवन जीने का कुछ खास अर्थ नहीं है। एक वित्तीय रूप से सुरक्षित सेवानिवृत्ति जीवन यापन का लक्ष्य होना चाहिए। इसलिए सेवानिवृत्ति लाभ योजनाओं की जरूरत होती है।
मुद्रास्फीति के चलते धन की वैल्यू में लगातार गिरावट आ रही है। किसी चीज को खरीदने के लिए आपको आज जितने धन की जरूरत होती है, समय बीतने के साथ ही वह बढ़ता जाएगा। भारत में सेवानिवृत्ति योजनाएं आपको अपनी वर्तमान पूंजी की बचत एवं निवेश करने में सहायता करती हैं, ताकि आप अपनी सेवानिवृत्ति जरूरतों की तैयारी कर सकें।
सेवानिवृत्ति की योजना बनाने एवं पेंशन प्लान लेने के लिए बहुत से बाध्यकारी कारण हैं।
समझौता करने की जरूरत नहीं है
सेवानिवृत्ति की उचित प्लानिंग के साथ आप सुनिश्चित कर सकते हैं कि सेवानिवृत्ति के बाद भी आपके पास पैसे की कमी ना रहे, भले ही आपको कोई आय ना रह जाए। भारत में रिटायरमेन्ट प्लान में बचत एवं निवेश करने के द्वारा आप आज अपनी छोटी-छोटी राशियों को सुव्यवस्थित तरीके से निवेश कर सकते हैं, जिससे आपको भविष्य में अपनी जीवनशैली में कोई समझौता नहीं करना पड़ेगा।
एक बड़े लक्ष्य की ओर छोटे-छोटे चरण
बड़ी से बड़ी यात्रा की शुरुआत भी केवल एक कदम से होती है। पेंशन प्लान दीर्घ-कालिक निवेश इंस्ट्रूमेंट हैं, जो एक दीर्घ समयकाल के दौरान नियमित रूप से छोटी-छोटी राशियों के निवेश में आपकी सहायता करते हैं। ये नियमित बचत एक बड़ी धनराशि का रूप ले लेती हैं, जिसमें चक्रवृद्धि ब्याज के लाभों एवं सम्भावित बोनस जुड़ने से और भी अधिक बढ़ोत्तरी हो जाती है। एक वित्तीय सुरक्षित भविष्य के लिए आज ही शुरुआत करें।
नियमित आय के स्रोत का सृजन
बहुत से लाग छोटी-छोटी बचत करने और कठिन समय के लिए उसे अलग रखने का काम अच्छे से करते हैं। परन्तु सही तरीके से एक बड़ी धनराशि का प्रबन्धन भी महत्वपूर्ण है। अपनी सेवानिवृत्ति के दौरान आपको एक नियमित आय स्रोत की जरूरत होती है, जो आपको आपके प्रोफेशनल वेतन की कमी ना महसूस होने दे। पेंशन प्लान आपको अपने धनसंग्रह को निवेश और पुन:निवेश करने में सहायता के द्वारा आपकी सेवानिवृत्ति के दौरान सुनिश्चित आय का सृजन करते हैं। भारत में रिटायरमेन्ट प्लान लेने के बाद आप अपने वेतन की कमी नहीं महसूस करेंगे।
आपके प्रियजनों के लिए सिक्योरिटी प्लान
सही पेंशन प्लान के साथ आप लाइफ कवर पा सकते हैं, जिससे आपकी असामयिक मृत्यु की स्थिति में आपके परिवार को सुरक्षा मिलेगी। आप एक एन्युटी प्लान चुन सकते हैं, जो आपके गुजरने के बाद आपके आश्रितों को एक सुरक्षित सेवानिवृत्ति आय प्रदान करता हो।
प्रोविडेंट फंड बचत का संपूरक एक समय ऐसा था जब आपका बेसिक प्रोविडेंट फंड तथा ग्रेच्युटी सेविंग ही आपकी सेवानिवृत्ति के लिए पर्याप्त होते थे। ये अनिवार्य सेवानिवृत्ति बचत अब आपकी सेवानिवृत्ति के बाद आपके जीवनस्तर को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।
इसके अतिरिक्त अधिकांश प्रोविडेंट फंड आपको जीवन के महत्वपूर्ण अवसरों, जैसे कि विवाह या बच्चे के जन्म, पर आंशिक धनराशि निकालने की सुविधा देते हैं। ऐसे आहरणों के कारण आपका धनसंग्रह और भी कम हो जाता है, जिससे यह और भी अपर्याप्त हो जाता है।
पेंशन प्लान आपके प्रोविडेंट फंड का संपूरक बन सकते हैं तथा यहां तक कि पूरी तरह से उनकी जगह भी ले सकते हैं। यदि आपकी सेवानिवृत्ति योजना का सही से ध्यान रखा जाए तो आप अपने प्रोविडेंट फंड तथा ग्रेच्युटी से मिलने वाले पे-आउट को अपनी मनपसंद किसी भी चीज के लिए उपयोग कर सकते हैं।
अपने बच्चों के ऊपर बोझ ना पड़ने दें
पहले बड़े परिवार होते थे, तथा मात-पिता अधिक बच्चों पर निर्भर रह सकते थे। इससे यह भी होता था कि सेवानिवृत्त माता-पिता का ध्यान रखने में किसी एक ही बच्चे पर सारा बोझ नहीं पड़ता था। आज के समय में एकल परिवारों का चलन बहुत अधिक हो गया है, और परिवार का आकार आमतौर पर काफी छोटा होता है।
सेवानिवृत्ति की उचित योजना ना बनाने पर आपके बच्चों को बाद के वर्षों में आपकी सहायता करने में बहुत अधिक वित्तीय बोझ का सामना करना पड़ेगा। इससे होने वाली पैसे की कमी के चलते उन्हें अपने सपनों से समझौता करना पड़ सकता है। एक एन्युटी बीमा सेवानिवृत्ति पॉलिसी आपकी वित्तीय स्वतंत्रता की सुरक्षा करने तथा आपके बच्चे की मन की शांति सुनिश्चित करने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
कर लाभ उठाएं
भारत में सुसंगत कर कानूनों के अन्तर्गत आप किसी सेवानिवृत्ति पॉलिसी पर भुगतान किए जाने वाले प्रीमियम पर कर लाभ भी पा सकते हैं। आप सेवानिवृत्ति बीमा लाभ पा सकते हैं, और जमा किए गए प्रीमियम के साथ ही साथ पेंशन प्लान की समाप्ति पर मिलने वाली परिपक्वता धनराशि पर कर छूट पा सकते हैं।
मुझे सेवानिवृत्ति की योजना कब आरम्भ करनी चाहिए?
आपके जीवन के प्रत्येक चरण में अलग-अलग चुनौतियां होती हैं। अधिकांश मामलों में हम वर्तमान समय की चुनौतियों से निपटने में ही अपना पूरा समय लगा देते हैं। शायद आपका यह सोचना हो कि युवा लोगों को सेवानिवृत्ति की योजना बनाने की चिंता नहीं करनी चाहिए, है ना? अधिकांश युवा प्रोफेशनल सोचते हैं कि सेवानिवृत्ति योजना की अभी तो उनसे बहुत बहुत दूर है। वैसे यथाशीघ्र सेवानिवृत्ति की योजना बनाने के बहुत से लाभ हैं—आपकी आयु जितनी कम होगी, सेवानिवृत्ति योजना बनाना शुरू करना आपके लिए उतना ही बेहतर होगा। इसके कारण इस प्रकार हैं:
कम दायित्व
आपकी आयु जितनी कम होगी, आपके ऊपर उतने ही कम दायित्व होंगे। एक अच्छा वेतन होने के बाद निवेश आरम्भ करना सुनने में शायद ठीक लगता है। लेकिन सच यह है कि आपका वेतन बढ़ने के साथ ही साथ आपके दायित्व भी बढ़ेंगे। आपके होम लोन से लेकर वैवाहिक खर्च तक, आपकी आयु बढ़ने के साथ ही आपकी वित्तीय जिम्मेदारियां भी बढ़ती जाती हैं। इसलिए अधिक आयु के बजाय कम आयु में सेवानिवृत्ति की योजना बनाना अधिक बेहतर तरीका है।
कम धनराशि की बचत करना आसान होता है
एक पेंशन प्लान आरम्भ करने के लिए आपको बहुत अधिक धनराशि की बचत करने की जरूरत नहीं होती है। लगातार आपकी छोटी-छोटी बचतें भी बहुत बड़ा अन्तर ला सकती हैं। भारत में रिटायरमेन्ट प्लान में निवेश करने से पहले एक बड़ी धनराशि की बचत की प्रतीक्षा करने के बजाय आज ही शुरुआत करें, चाहे कितनी भी छोटी धनराशि हो।
चक्रवृद्धि ब्याज की शक्ति का पूरा लाभ उठाएं
सेवानिवृत्ति बीमा योजनाओं का एक सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि आपको चक्रवृद्धि ब्याज का लाभ मिलता है। यहां तक कि कई वर्षों तक लगातार निवेश की गई बहुत छोटी सी धनराशि भी भारत में पेंशन प्लान पर मिलने वाले चक्रवृद्धि ब्याज की सहायता से एक अच्छी-खासी धनराशि बन जाएगी। चक्रवृद्धि ब्याज आपको अपने समय एवं निवेशित धनराशि की सबसे अच्छे वैल्यू प्रदान करता है।
एक लम्बे जीवन के लिए बचत
एक समय था जब मनुष्य की औसत आयु लगभग 60-70 वर्ष होती थी। आज के समय में शतायु होना असम्भव नहीं है। यदि आप सोचें कि सेवानिवृत्ति की सामान्य आयु 60 वर्ष है, तथा आप उसके बाद तीन से चार दशक तक और भी जी सकते हैं, तो यथाशीघ्र सेवानिवृत्ति योजना बनाना शुरू करना ही सबसे अच्छा रहेगा।
कर कटौती लाभ का प्रयोग करें
भारत में अधिकांश पेंशन प्लान में जमा किए जाने वाली प्रीमियम धनराशि एवं परिपक्वता पर मिलने वाले लाभों पर कर लाभ मिलते हैं।
मैं एक पेंशन प्लान कैसे खरीदूं?
भविष्य में आपकी वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले पेंशन प्लान खरीदने के लिए एक सरल मार्गदर्शिका इस प्रकार है।
अभी शुरू करें
युवा आयु में ही सेवानिवृत्ति की योजना शुरू करना सबसे अधिक लाभदायक होती है। आपके भविष्य के लिए निवेश करने का दूसरा सबसे अच्छा समय आज है, क्योंकि आपकी आयु दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जाएगी।
अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाएँ
पारम्परिक प्लान जो मार्केट-लिंक्ड नहीं होते, ऐसे लोगों के लिए बहुत अच्छे हैं जो जोखिम नहीं लेना चाहते हैं। सेवानिवृत्ति योजना के लिए अपने पोर्टफोलियो के विविधीकरण पर विचार करें ताकि आप उसमें अपनी पारम्परिक बचत योजनाएं, यूलिप, ईक्विटी फंड तथा अन्य इंस्ट्रूमेंट्स शामिल करके किसी भी घटना का सामना करने के लिए तैयार रहें।
अपनी सेवानिवृत्ति आयु चुनें
आज के समय में सेवानिवृत्ति की सामान्य आयु 60 वर्ष है, परन्तु इसका अर्थ यह नहीं है कि आप 45 वर्ष पर या उससे भी पहले सेवानिवृत्त नहीं हो सकते हैं। भारत में उपलब्ध पेंशन प्लान देखें और पता लगाएं कि प्रतिफल, जोखिम-अभिरुचि, अवधि, तथा वेस्टमेन्ट आयु (एन्युटी प्लान से पेंशन मिलना आरम्भ होने की आयु) के मामले में कौन सा प्लान आपकी जरूरतें सबसे अच्छी तरह से पूरी करता है।
केवल पारम्परिक फंड पर ही निर्भर ना रहें
पारम्परिक सेवानिवृत्ति योजनाएं जैसे कि ईपीएफ एवं पीपीएफ तथा एनपीएस जांच-परखे विकल्प हैं। लेकिन इन पारम्परिक फंड से मिलने वाली सेवानिवृत्ति आय शायद ही आपकी वित्तीय सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त हो। ईक्विटी आधारित पेंशन योजनाओं तथा यूलिप के बारे में जांच-पड़ताल करें और अपना धन निवेश करने से पहले पता लगाएं कि आपको कौन सा पेंशन प्लान खरीदने की आवश्यकता है।
इंडियाफर्स्ट लाइफ कौन से पेंशन प्लान प्रदान करता है?
इंडियाफर्स्ट लाइफ ने विशेष रूप से आपकी सेवानिवृत्ति योजना जरूरतों के लिए बहुत से पेंशन प्लान बनाए हैं। इंडियाफर्स्ट लाइफ पेंशन प्लान के साथ अपने घर में एक तनावमुक्त जीवन जियें। इंडियाफर्स्ट लाइफ द्वारा प्रदान किए जाने वाले पेंशन प्लान के प्रकार ये हैं:
इंडियाफर्स्ट गारन्टीड रिटायरमेन्ट प्लान
- यह एक नॉन-लिंक्ड, प्रतिभागी, एंडावमेन्ट डिफर्ड पेंशन प्लान है।
- इसमें गारन्टीड एन्युटी इंश्योरेंस है ।
- निवेश करने के विकल्प—नियमित, सीमित, या एकल प्रीमियम।
- इसमें पॉलिसी अवधि 40 वर्ष है।
इंडियाफर्स्ट इमिडियेट एन्युटी प्लान
- यह एक नॉन-लिंक्ड, प्रतिभागी, तत्काल एन्युटी प्लान है।
- इसमें पेंशन मिलना शुरू होने की आयु 40 से 80 वर्ष के बीच में है।
- आपके जीवनसाथी की सुरक्षा करने के लिए संयुक्त जीवन विकल्प
- क्रय मूल्य वापसी का विकल्प
इंडियाफर्स्ट लाइफ गारन्टीड एन्युटी प्लान
- यह एक नॉन-लिंक्ड, प्रतिभागी, पृथक एन्युटी प्लान है।
- इसमें 12 एन्युटी विकल्प हैं, जिसमें लाइफ एन्युटी, डिफर्ड लाइफ एन्युटी, क्रय मूल्य की वापसी, एन्युटी निश्चित, तथा एस्कैलेटिंग लाइफ एन्युटी शामिल है।
- जीवनपर्यन्त आय का भरोसा
- आपके जीवनसाथी की सुरक्षा करने के लिए संयुक्त जीवन विकल्प
प्राय: पूछे जाने वाले प्रश्न
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आपको एक रिटायरमेन्ट प्लान की जरूरत क्यों है?
एक रिटायरमेन्ट प्लान आपकी सेवानिवृत्ति के बाद भी आपकी वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करता है। यह आपके द्वारा निवेश की जाने वाली धनराशि के आधार पर दीर्घकाल में एक स्थिर एवं सुव्यवस्थित आय प्रदान करता है। लम्बे समय तक सुव्यस्थित तरीके से निवेश करने के अनेकों लाभ हैं, जैसे कि आपके धनसंग्रह में वृद्धि होना तथा चक्रवृद्धि ब्याज का लाभ मिलना।
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रिटायरमेन्ट प्लान में निवेश करने की सही आयु क्या है?
जितनी जल्दी ऐसा किया जाए, उतना ही अच्छा. एक दीर्घकालिक निवेश लक्ष्य हासिल करने के लिए शीघ्र ही शुरुआत करें। आप न्यूनतम 18 वर्ष की आयु से अपने रिटायरमेन्ट प्लान में निवेश करना आरम्भ कर सकते हैं। जल्द से जल्द निवेश आरम्भ करने का लक्ष्य रखें, ताकि आपको एक विशाल धनसंग्रह की बचत करने के लिए समय मिले, चक्रवृद्धि ब्याज का लाभ उठाएं, और चुनी गई सेवानिवृत्ति आयु पर पहुंचने पर अपने निवेश का उपयोग करें। वरिष्ठ नागरिकों के लिए बीमा महंगा हो सकता है, परन्तु यह आवश्यक भी है।
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मैं अपनी सेवानिवृत्ति की योजना बनाना कैसे शुरू करूं?
अपनी सेवानिवृत्ति की योजना बनाना शुरू करने से पहले सुनिश्चित करें कि आप भविष्य की आवश्यकताओं और अपनी आय दोनों को अच्छे से समझते हों। आप हमारे वेल्दिफाई नामक टूल की सहायता से सही जानकारी पा सकते हैं और अपनी सेवानिवृत्ति की योजना बना सकते हैं, यह टूल निवेश की प्रक्रिया को सरल, वहनीय और आसान बनाता है।
पेंशन प्लान में निवेश करते समय इन बातों पर विचार किया जाना चाहिए - आपका मासिक व्यय, सेवानिवृत्ति के दौरान अपेक्षित मासिक व्यय, मुद्रास्फीति, जोखिम अभिरुचि, कर छूटों की सम्भावना, तथा रिटायरमेन्ट पॉलिसी के बदले में व्यक्तिगत लोन की सुविधा।
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पेंशन प्लान के साथ मुझे कौन से कर लाभ मिल सकते हैं?
इंडियाफर्स्ट लाइफ पेंशन प्लान में आप जो प्रीमियम जमा करेंगे, वर्तमान आयकर कानूनों के अनुसार धारा 80C तथा धारा 10 (10D) के अन्तर्गत उस पर और उसकी परिपक्वता पर भी आपको कर लाभ मिलेगा।
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मेरे पास एक पीएफ खाता है; क्या इसके बावजूद भी मुझे एक रिटायरमेन्ट पॉलिसी चाहिए?
हाँ। अपने सेवानिवृत्ति की योजना बनाते समय बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के कारण एक लम्बी आयु तथा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखें। आप देखेंगे कि आपके पीएफ में जो धनसंग्रह है, वह आपकी जरूरत को पूरा नहीं कर सकता । अपनी बचत एवं निवेश पोर्टफोलियो को विविधीकृत करने के द्वारा अपनी सेवानिवृत्ति के बाद अपनी वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करें।
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रिटायरमेन्ट पॉलिसियों में बताई गई वेस्टिंग / वेस्टमेन्ट आयु क्या होती है?
वेस्टिंग आयु का सरल अर्थ यह है कि आपको किस आयु में पेंशन मिलना चालू होगी। आपने किस प्रकार का पेंशन प्लान चुना है, उसके आधार पर आप पे-आउट को एक बाद की तिथि में डिफर कर सकते हैं, जब आपको उसकी सबसे अधिक जरूरत होगी।
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मुझे अपनी सेवानिवृत्ति की योजना बनाने में मुद्रास्फीति का ध्यान क्यों रखना चाहिए?
समय के साथ वस्तुओं की मूल्य वृद्धि पूरी दुनिया में होती रहती है, इसे रोका नहीं जा सकता। वैसे लो अल्पकाल में मुद्रास्फीति के प्रभाव मामूली प्रतीत हो सकते हैं, परन्तु दशकों के दौरान इसके बहुत महत्वपूर्ण परिणाम होते हैं। उदाहरण के लिए यदि आप रु 100 जैसी मामूली राशि पर 5% मुद्रास्फीति दर पर विचार करें, तो आपके पास रु 95 बचते हैं। अब मुद्रास्फीति में प्रति वर्ष 5% वृद्धि की कल्पना करें। दो दशकों में रु 20 लाख जैसी एक बड़ी धनराशि की क्रय शक्ति घटकर मात्र रु 7 लाख जितनी रह जाएगी।
इसके अलावा मुद्रास्फीति सर्वव्यापी है। यदि आप अपनी सेवानिवृत्ति में बड़ी खरीदारी नहीं करना चाहते हैं, तो भी आपको जरूरी चीजों पर खर्च करना ही होगा, जैसे कि भोजन, दवाएं, स्वास्थ्य सेवाएं, ग्रॉसरी, यूटिलिटी बिल, तथा और भी चीजें। एक स्मार्ट पेंशन प्लान आपको अपने वित्तीय भविष्य की सुरक्षा की योजना बनाने में सहायता कर सकता है।
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आपको सेवानिवृत्ति योजना के लिए कितने धन की बचत करनी चाहिए?
सेवानिवृत्ति के लिए आपको सटीक रूप से कितने धन की बचत करनी चाहिए, यह बात कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे कि आपकी मासिक आय, भविष्य में अपेक्षित व्यय। वैसे एक बुनियादी नियम यह है कि आपकी मासिक आय का कम से कम 15% हिस्सा सेवानिवृत्ति योजना के लिए अलग रखा जाना चाहिए।
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भारत में किस प्रकार के पेंशन प्लान हैं।
आप भारत में विभिन्न प्रकार के पेंशन प्लान में से चुन सकते हैं? प्राथमिक श्रेणियों में शामिल हैं:
डिफर्ड एन्युटी प्लान – यह एक दीर्घकालिक निवेश इंस्ट्रूमेन्ट होता है, जिसे आपको कई वर्षों तक प्रीमियम जमा करने की जरूरत होती है, ताकि आप सेवानिवृत्ति के बाद एकमुश्त धनराशि निकाल सकें और उसके बाद आपको नियमित रूप से मासिक पे-आउट मिलता रहे। पारम्परिक डिफर्ड एन्युटी प्लान ऐसे निवेशकों के लिए उचित है जो जोखिम नहीं लेना चाहते हैं, क्योंकि इनमें ऋणों एवं सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश किया जाता है। यूनिट लिंक्ड बीमा योजनाएं या यूलिप सेवानिवृत्ति बीमा योजनाएं बेहतर कर लाभ प्रदान करती हैं, परन्तु इनमें बाजार में निवेश किया जाता है।
तत्काल एन्युटी प्लान – इस इंस्ट्रूमेन्ट में आपको एक ही बार एकमुश्त प्रीमियम जमा करना होता है, और आपको तुरन्त ही एक मासिक पे-आउट मिलना आरम्भ हो जाता है।
कर्मचारी भविष्य निधि – ईपीएफ में ईपीएफओ द्वारा निर्धारित नियमों का पालन किया जाता है, तथा यह सभी वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए एक विकल्प है। ईएपीएफ में कर्मचारी एवं नियोक्ता दोनों ही कर्मचारी के सेवानिवृत्ति फंड में वेतन के एक निश्चित प्रतिशत का योगदान करते हैं।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड – पीपीएफ में आप अधिकतम रु 1.5 लाख प्रति वर्ष जमा कर सकते हैं, और इसमें 15 वर्षों की लॉक-इन अवधि होती है।
राष्ट्रीय पेंशन योजना – एनपीएस में 18 वर्ष की आयु से योगदान शुरू किया जा सकता है। आप अपनी जोखिम अभिरुचि के आधार पर एक्टिव मोड तथा ऑटो मोड के अन्तर्गत निवेश चुन सकते हैं।
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मैं भारत में सेवानिवृत्ति के लिए कैसे योजना बना सकता हूं?
यदि आप सेवानिवृत्ति के बाद एक खुशहाल एवं तनावमुक्त जीवन की आशा रखते हैं, तो सेवानिवृत्ति की योजना बनाना बहुत जरूरी है। विभिन्न चीजों को ध्यान में रखें, जैसे कि अपनी वर्तमान मासिक आय, अपने प्रस्तावित सेवानिवृत्ति आयु, आप कितनी पेंशन धनराशि पाना चाहते हैं, तथा मुद्रास्फीति।
पेंशन प्लान सेवानिवृत्ति लाभ योजनाएं होती हैं, जो आपको इंश्योरेंस लाइफ कवर एवं निवेश दोनों का दोहरा लाभ देती हैं। सामान्य इंश्योरेंस लाइफ कवर में एक निश्चित वर्षों तक एक स्थिर गति से धन की बचत की जाती है। चक्रवृद्धि ब्याज की सहायता से यह धनराशि लगातार बड़ी होती जाती है। जब आप सेवानिवृत्ति की आयु पर पहुंचते हैं, और आपकी प्रोफेशनल आय बंद हो जाती है, तो ऐसे में आपकी जरूरत के समय एक एन्युटी पेंशन प्लान आपके लिए एक स्थिर आय स्रोत सुनिश्चित करता है।
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क्या आप दो पेंशन ले सकते हैं?
सरकारी पेंशन योजनाएं जैसे कि एनपीएस (राष्ट्रीय पेंशन योजना) तथा एपीवाई (अटल पेंशन योजना) के अतिरिक्त आप विभिन्न प्राइवेट कम्पनियों एवं बीमा कम्पनियों द्वारा प्रदान किए जाने वाले अनेकों पेंशन बीमा योजनाएं ले सकते हैं। वैसे एक व्यक्ति दो सरकारी पेंशन खाते नहीं रख सकता, जैसे कि एक ही व्यक्ति के लिए दो एनपीएस खाते। साथ ही यदि आप निवेश किए जाने वाले धन पर कर छूट पाना चाहते हैं, तो, पेंशन योजनाओं में निवेश किए जाने वाले धन की एक अधिकतम सीमा होती है।
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अधिवर्षिता एवं सेवानिवृत्ति में क्या अंतर है?
अधिवर्षिता एक प्रकार की सेवानिवृत्ति है। सेवानिवृत्ति का अर्थ है किसी भी आयु में प्रोफेशनल आय बंद हो जाना। आप अपनी स्वेच्छा से किसी भी समय सेवानिवृत्ति चुन सकते हैं। अधिवर्षिता का विशेष रूप से अर्थ है सेवानिवृत्ति होना, क्यों कि आप सरकार द्वारा निर्धारित सेवानिवृत्ति आयु पर पहुंच गए हैं। भारत में अधिवर्षिता 60 से 65 वर्ष की आयु के बीच में होती है। अधिवर्षिता लाभ एक प्रकार का सेवानिवृत्ति लाभ है, जो किसी संगठन के सेवानिवृत्ति कार्यक्रम अथवा कम्पनी पेंशन पॉलिसी के रूप में नियोक्ता द्वारा उनके कर्मचारियों को दिया जाता है।