निदेशक मंडल

श्री संजीव चढ्ढा
अध्यक्ष
श्री संजीव चढ्ढा को 20 जनवरी, 2020 को बैंक ऑफ बड़ौदा का प्रबन्ध निदेशक एवं सीईओ नियुक्त किया गया। श्री संजीव चढ्ढा के पास बैंकिंग क्षेत्र में 33 वर्षों से अधिक का अनुभव है, उन्होंने अपना कैरियर वर्ष 1987 में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में आरम्भ किया था।
बैंक ऑफ बड़ौदा से जुड़ने से पहले श्री संजीव चढ्ढा भारतीय स्टेट बैंक में उप प्रबन्ध निदेशक के रूप में काम कर रहे थे, और एसबीआई की मर्चेन्ट एवं निवेश बैंकिंग कम्पनी एसबीआई कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड के प्रबन्ध निदेशक एवं सीईओ थे।
उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक के विभिन्न भौगोलिक स्थानों पर विभिन्न क्षेत्रों में एवं विदेश में सेवा प्रदान की है। उनके कुछ पिछले कार्यभार में से एक है एसबीआई समूह के अध्यक्ष के कार्यकारी सचिव की भूमिका में काम करना। उन्होंने एसबीआई के लॉस एन्जेल्स कार्यालय में तथा यूके क्षेत्रीय प्रमुख के रूप में भी काम किए हैं।
उनकी विशेषज्ञता के क्षेत्रों में शामिल है - खुदरा बैंकिंग, कॉरपोरेट फाइनेंस, निवेश बैंकिंग, विलय एवं अधिग्रहण, स्ट्रक्चर्ड फाइनेंस एवं प्राइवेट ईक्विटी।

श्री नरेन्द्र ओस्तवाल
निदेशक
श्री ओस्तवाल वर्ष 2007 में वारबर्ग पिंकस में शामिल हुए, और तब से इसके भारतीय एफ्लिएट (सम्बद्ध कम्पनी) के साथ कार्यरत रहे हैं। वह भारत में इस कम्पनी की निवेश परामर्श गतिविधियों में शामिल रहे हैं, भारत की वित्तीय सेवाओं एवं स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रों में अवसरों का मूल्यांकन करते हैं।
वारबर्ग पिंकस से जुड़ने से पहले श्री ओस्तवाल 3आई इंडिया एवं मैककिंसी एवं कम्पनी के साथ कार्यरत थे।
वह लॉरस लैब्स लिमिटेड, एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड, डीबी पॉवर एवं ग्रुप कम्पनीज, कम्प्यूटर ऐज मैनेजमेन्ट सर्विसेज प्राईवेट लिमिटेड, स्टरलिंग सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड एवं फ्यूजन माइक्रोफाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हैं।
श्री ओस्तवाल के पास भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान से सनदी लेखाकार की डिग्री और भारतीय प्रबन्धन संस्थान, बैंगलोर से एमबीए की डिग्री है।

श्री जॉयदीप दत्ता रॉय
डायरेक्टर
जॉयदीप दत्ता रॉय का बैंकिंग के क्षेत्र में लगभग 25 वर्षों का लम्बा कैरियर रहा है, ये अभी भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के एक प्रमुख बैंक - बैंक ऑफ बड़ौदा के एमडी के कार्यालय, अधीनस्थ कम्पनियों एवं संयुक्त उपक्रमों के मुख्य महाप्रबन्धक हैं।
ये बैंक ऑफ बड़ौदा में एक एचआर विशेषज्ञ के रूप में शामिल हुए थे, इन्होंने बैंक में विभिन्न स्तरों पर कई प्रकार के एचआर सम्बन्धित जिम्मेदारियों का सफलतापूर्वक निर्वहन किया है, तथा इन्होंने कई प्रमुख विशाल एचआर परियोजनाओं एवं बैंक की पहलों का नेतृत्व करने में प्रमुख भूमिका निभाई है। जॉयदीप ने बैंक के लिए विभिन्न व्यावसायिक परियोजनाओं की सफलतापूर्वक पहल एवं क्रियान्वयन किया है, जैसे कि बिजनेस प्रोसेस रीइंजनियरिंग प्रोजेक्ट, प्रोजेक्ट नवनिर्माण, प्रोजेक्ट उड़ान, स्पर्श नाम एक व्यापक एचआर रूपांतरण परियोजना आदि।
इन्होंने बैंक के देहरादून एवं बरेली क्षेत्रों के क्षेत्रीय प्रमुख के रूप में भी सफलतापूर्वक कार्य किया है।
जॉयदीप के पास दिल्ली विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में ऑनर्स डिग्री है, साथ ही एक विधि स्नातक होने के अलावा इनके पास नरसी मोंजी प्रबन्धन अध्ययन संस्थान से एचआर में एमबीए की डिग्री है। ये भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के वार्षिक एचआर उत्कृष्टता पुरस्कार के लिए एक प्रमाणित मूल्यांकनकर्ता भी हैं।

श्री अरूण चोगले
स्वतंत्र निदेशक
श्री चोगले एफएमसीजी के क्षेत्र में एक पुराने अनुभवी पेशेवर हैं, इनके पास एक मजबूत ग्राहक एवं मार्केटिंग उन्मुखीकरण है, वह उपभोक्ता एवं खुदरा क्षेत्र में अपनी स्वयं की ब्रांड एडवाइजरी एवं स्ट्रैटेजिक कन्सल्टिंग प्रैक्टिस करते हैं, इनके पास एसएमई, बड़ी भारतीय कम्पनियां एवं बहु राष्ट्रीय कम्पनियां हैं।
अपनी कंसल्टिंग प्रैक्टिस से पहले 30 वर्षों तक भारत और विदेशों में उनका एक विविधतापूर्ण और सफल मार्केटिंग कैरियर रहा है। वह अपने क्षेत्र की दो सबसे प्रमुख कम्पनियों - प्रॉक्टर एंड गैम्बल और ब्रिटिश अमेरिकल में सामान्य प्रबन्धन और उपभोक्ता मार्केटिंग में वरिष्ठ नेतृत्व पदों पर कार्य किए हैं।
वह वर्तमान समय में एडवाइजर एवं मैनेजमेन्ट कन्सलटेन्ट हैं, वह खुदरा एवं उपभोक्ता उत्पादों में विशेषज्ञ हैं, उनके क्लाइंटों में नील्सन एवं अन्य संगठनों का नाम आता है।

श्री के.एस. गोपालकृष्णन
स्वतंत्र निदेशक
श्री के.एस. गोपालकृष्णन का 35 वर्षों का एक सफल कैरियर रहा है, जिसके दौरान उन्होंने जीवन बीमा में सीईओ / सीएफओ / एक्चुरी जैसी नेतृत्व वाली भूमिकाएं निभाई हैं और रीइंश्योरेंस में सीईओ की भूमिका निभायी है।
इन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत एलआईसी से की जहां पर ये एक्चुरियल एप्रेंटिस थे, और उसके बाद अपने कैरियर में आगे बढ़ते हुए ये विभिन्न बीमा कम्पनियों में नेतृत्व पदों पर रहे जैसे कि आदित्य बिड़ला सन लाइफ इंश्योरेंस, भारती एक्सा लाइफ इंश्योरेंस कम्पनी तथा एगॉन लाइफ इंश्योरेंस कम्पनी, श्री गोपालकृष्णन के कैरियर की यात्रा को देखकर पता लगता हे कि इनके पास फाइनेंस, एक्चुरियल, प्राइसिंग, प्रोडक्ट डिजाइन, रेगुलेशन, अंडरराइटिंग, क्लेम, प्रशासन, तथा बोर्ड और शेयरधारक सम्बन्धित मामलों में बहुत गहरी समझ है। श्री गोपालकृष्णन आरजीए इंश्योरेंस कम्पनी के भारतीय बिजनेस में सीईओ के पद पर सफलतापूर्वक काम करने के बाद वर्तमान में एक व्यापक बीमा ईकोसिस्टम में कंसल्टेंट और एडवाइजर की भूमिका निभा रहे हैं। ये बीमा जगत में एक प्रमुख योगदानकर्ता रहे हैं, और इन्होंने यूनिट लिंक्ड उत्पादों, ऑनलाइन टर्म इंश्योरेंस उत्पादों और विभिन्न ग्राहक उन्मुखी पहल करने में एक प्रमुख भूमिका निभाई है।
श्री गोपालकृष्णन के पास चेन्नई के विवेकानंद कॉलेज से गणित में स्नातक की डिग्री है, और भारत, यूके एवं कनाडा के एक्यूरियल संस्थानों से एक्चुरी की डिग्री है। इन्होंने ड्यूक यूनिवर्सिटी, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, एमआईटी और आईएनएसईएडी जैसे विख्यात अन्तरराष्ट्रीय संस्थानों से स्ट्रैटेजी और डिजिटल टेक्नोलॉजी में कोर्स पूरे किए हैं। ये भारतीय बीमा उद्योग जगत तथा आईआरडीएआई की विभिन्न समितियों के सदस्य भी रहे हैं। ये वर्तमान समय में भारतीय एक्चुरी संस्थान के परिषद में एक निर्वाचित सदस्य भी हैं।

श्री हेमन्त कौल
स्वतंत्र निदेशक
श्री हेमन्त कौल राजस्थान विश्वविद्यालय से एमबीए किए हैं। इन्होंने वर्ष 1977 में स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर में एक प्रोबेशनरी अधिकारी के रूप में अपने कैरियर की शुरूआत की थी। ये यूटीआई/एक्सिस बैंक में स्टार्ट-अप टीम का एक हिस्सा थे, जहां इन्होंने खुदरा बैंकिंग प्रभाग की स्थापना एवं नेतृत्व किया था। हेमन्त बजाज एलायंज जनरल इंश्योरेंस के एमडी एवं सीईओ भी थे। हेमन्त फिनटेक सेक्टर के प्रति बहुत उत्साहित हैं, तथा इसके ये एक मार्गदर्शक एवं एंजेल इन्वेस्टर के रूप में जुड़े हुए हैं।
हेमन्त को घूमना-फिरना तथा पढ़ना बहुत पसंद है। ये और इनकी धर्मपत्नी अन्नू जयपुर में रहते हैं।

सुश्री हरिता गुप्ता
स्वतंत्र निदेशक
हरिता ने आईआईटी दिल्ली से परस्नातक किया है और ये गुरूग्राम, भारत में अपने पति के साथ रहती हैं। हरिता ने वर्ष 2017 में सुदरलैण्ड में इंटरप्राइजेज बिजनेस की ग्लोबल हेड के रूप में ज्वॉइन किया, इनके पास डिजिटल तथा आईटी सेवा क्षेत्र में तीन दशकों का विशाल वैश्विक अनुभव है। अपनी वर्तमान भूमिका में ये एशिया पैसिफिक पर ध्यान केन्द्रित कर रही हैं, जहां इनका लक्ष्य है कि सुदरलैण्ड को ग्राहकों के लिए एक वास्तविक डिजिटल रूपांतरण नवाचार साझेदार के रूप में स्थापित किया जाए।
सुदरलैण्ड से पहले इन्होंने माइक्रोसॉफ्ट इण्डिया में काम किया है, जहां इन्होंने भारत एवं ग्रेटर चाइना में इंटरप्राइजेज ग्राहकों हेतु सपोर्ट ऑपरेशन तथा ग्राहक सेवा की वृद्धि का नेतृत्व किया है। इन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत एनआईआईटी टेक्नोलॉजीज से की और विभिन्न पोर्टफोलियो तथा प्रौद्योगिकी उत्कृष्टता केन्द्र प्रबन्धित किए। कोविड-19 के बाद ये नए व्यवसाय एवं कार्य मॉडल की खोज करने में अपनी टीम का नेतृत्व कर रही हैं।
हरिता ने आईआईटी दिल्ली से परस्नातक किया है और ये गुरुग्राम, भारत में अपने पति के साथ रहती हैं। ये सीएसआर के प्रति बहुत उत्साही हैं, तथा ये अपनी वर्तमान भूमिका में नवप्रवर्तनशील परियोजनाओं का नेतृत्व करती हैं और 2 एनजीओ में वॉलंटियर करती हैं।

सुश्री आर.एम. विशाखा
एमडी एवं सीईओ
आर.एम. विशाखा मार्च 2015 से इंडियाफर्स्ट लाइफ की एमडी एवं सीईओ बनी हुई हैं। उनके सुदृढ़ नेतृत्व के अन्तर्गत कम्पनी ने एक महत्वपूर्ण वृद्धि दर हासिल की है और उद्योग-जगत की रैंकिंग में लगातार नई ऊंचाईयां हासिल की हैं। विशाखा प्रमुखता से, आगे बढ़कर से नेतृत्व करती हैं, उन्होंने कम्पनी के भूतपूर्व पार्टनर लीगल एवं जनरल की शेयरहोल्डिंग को वारबर्ग पिंकस के पास स्थानान्तरित करने का कार्य बहुत कुशलतापूर्वक किया है।
विशाखा को फॉर्च्यून इंडिया की व्यवसाय जगत की 50 "सबसे शक्तिशाली महिलाओं' में लगातार तीन वर्ष शामिल किया गया है (2017, 2018 एवं 2019)। उन्हें बिजनेस वर्ल्ड पत्रिका ने 'सबसे अधिक प्रभावशाली महिला' का खिताब भी दिया है। विशाखा की उपलब्धियों का सम्मान करते हुए आईसीएआई ने उनको सीए बिजनेस लीडर - महिला (2017) का सम्मानित पुरस्कार भी दिया है। विशाखा को फोर्ब्स इंडिया एवं बिजनेस टूडे जैसे प्रतिष्ठित प्रकाशनों द्वारा उद्योग-जगत में अपने समकक्षों के बीच में एक पथ-प्रदर्शक का खिताब दिया है।
विशाखा एक वैचारिक नेतृत्वकर्ता हैं, वह सीआईआई की पेंशन एवं बीमा सीमित की सह-अध्यक्ष (को-चेयर) हैं। वह राष्ट्रीय बीमा परिषद (एसोचैम), फिक्की की समिति सदस्य, तथा एआईडब्ल्यूएमआई द्वारा एक्सक्वालीफाई की चार्टर सदस्य भी हैं। वह एनआरबी बियरिंग प्राइवेट लिमिटेड के बोर्ड में एक स्वतंत्र निदेशक हैं। वह जीवन बीमा परिषद की कार्यकारी समिति में भी शामिल रही हैं।
विशाखा चिंतकों एवं नेतृत्वकर्ताओं की आगामी पीढ़ी का मार्गदर्शन करती हैं एवं परामर्श देती हैं। उनके कुछ प्रतिष्ठित मेंटरशिप एसोसिएशन में शामिल हैं — इंटरनेशनल इंश्योरेंस सोसायटी (आईआईएस) मेंटर प्रोग्राम, डब्ल्यूडब्ल्यूबी नवाचार के लिए नेतृत्व एवं विविधता कार्यक्रम, आरजीए भविष्य के नेतृत्वकर्ता तथा डब्ल्यूआईएलएल फोरम।
विशाखा एक सनदी लेखाकार हैं, उनके पास कम्प्यूटर सिस्टम में परास्नातक डिप्लोमा है, और वह भारतीय बीमा संस्थान की फेलो भी हैं।
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