यदि आप आयकर का भुगतान करने के लिए योग्य हैं, तो आप आसानी से खुद अपने रिटर्न भर सकते हैं। सरकार ने तीन तरीकों के माध्यम से कर इकट्ठा करके इस प्रक्रिया को आसान बना दिया है, ये तरीके हैं टीडीएस, अग्रिम कर और स्व-मूल्यांकन कर।
टीडीएस या टैक्स डिडक्टेड ऐट सोर्स (स्रोत पर कर कटौती) का मतलब आपके आयकर के एक छोटे प्रतिशत से है जिसे आपके वेतन, किराये या शुल्कों से प्राप्त आय से काट लिया जाता है।
अग्रिम कर उस आयकर को कहते हैं जिसका भुगतान आप वर्ष भर छोटी-छोटी तिमाही किश्तों में अग्रिम रूप से करते हैं।
स्व-मूल्यांकन कर वह अनिर्णीत शेष राशि है जिसका भुगतान टीडीएस और अग्रिम कर के भुगतानों के बाद किया जाता है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं।
स्व-मूल्यांकन कर क्या है?
‘मैंने टीडीएस और अग्रिम कर के साथ अपने आयकर का भुगतान कर दिया है; अब मैं और भुगतान क्यों करूँ?’ सही सवाल है, लेकिन अग्रिम कर का भुगतान करने की जल्दबाज़ी में हो सकता है कि अनजाने में आपसे कुछ आय छूट गई हो।
आयकर में स्व-मूल्यांकन गलत या अपर्याप्त टीडीएस कटौतियों पर भी देय है। या शायद आपको अपने निवेश पर अप्रत्याशित रिटर्न या दूसरे स्रोतों से अतिरिक्त आय प्राप्त हुई हो।
स्व-मूल्यांकन कर तब लगाया जाता है जब टीडीएस या अग्रिम कर के माध्यम से भुगतान किया गया कुल कर वास्तविक कर दायित्व से कम होता है। यह राशि चाहे कितनी भी छोटी क्यों न हो, अनावश्यक जुर्मानों से बचने के लिए यह ज़रूरी है कि आप इस कर का भुगतान करें।
आप अपने स्व-मूल्यांकन कर का भुगतान कैसे कर सकते हैं?
आपका स्व-मूल्यांकन कर रिटर्न पूरा करने के लिए चरण-दर-चरण मार्गदर्शक
अपने स्व-मूल्यांकन कर की गणना करने के बाद आप इसका भुगतान ऑनलाइन या खुद अपने बैंक जाकर एक विशेष फ़ॉर्म भरकर कर सकते हैं।
स्व-मूल्यांकन कर का ऑनलाइन भुगतान करना:
1. https://eportal.incometax.gov.in पर जाएँ और अपने स्थायी खाता संख्या (पैन) या आधार नंबर से लॉगिन करें।
2. होमपेज पर “ई-फ़ाइलिंग” विकल्प के तहत “ई-पे टैक्स” पर क्लिक करें।
3. "ई-टैक्स का भुगतान करें" विकल्प के तहत “नया भुगतान” चुनें।
4. “आयकर” टैब के तहत “आगे बढ़ें” पर क्लिक करें।
5. ड्रॉप-डाउन विकल्प से लागू मूल्यांकन वर्ष जोड़ें और भुगतान के प्रकार के लिए “स्व-मूल्यांकन कर (300)” चुनें और “जारी रखें” पर क्लिक करें।
6. लागू कर देयता और दूसरे ज़रूरी विवरण भरने के बाद “जारी रखें” पर क्लिक करें।
7. अपनी पसंद के अनुसार भुगतान का तरीका चुनें और “जारी रखें” पर क्लिक करें।
8. ज़रूरी भुगतान करें।
बैंक में स्व-मूल्यांकन कर का भुगतान करना:
1. आयकर वेबसाइट से कर चालान 280 डाउनलोड करके प्रिंट करें: https://incometaxindia.gov.in/pages/downloads/challans.aspx
2. अपना पैन, मूल्यांकन वर्ष, घर का पता, ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर भरें।
3. अपने बैंक जाकर पूरा किया गया चालान फ़ॉर्म और आयकर स्व-मूल्यांकन कर भुगतान जमा करें और मुहर लगी रसीद प्राप्त करें।
याद से स्व-मूल्यांकन कर भुगतान रसीद की एक प्रति अपने पास ज़रूर रख लें, क्योंकि यदि फॉर्म 26एएस स्टेटमेंट में विवरण दिखाई देने में समय लगता है, तो आपको अपने कर रिटर्न के लिए इसकी ज़रूरत पड़ सकती है।
अपना स्व-मूल्यांकन कर रिटर्न भरते समय इन गलतियों से बचें
हम अपना आयकर स्व-मूल्यांकन कर रिटर्न भरते समय कुछ गलतियाँ कर सकते हैं। रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है। ज़्यादातर लोग इसे आखिरी मिनट तक के लिए टाल देते हैं और फिर जल्दबाज़ी में इसे भरने पर गलतियाँ हो सकती हैं।
चाहे आप अपना स्व-मूल्यांकन कर रिटर्न ऑनलाइन भर रहे हों या खुद जाकर, यहाँ एक चेकलिस्ट दी गई है जिसे देखकर आप अपना स्व-मूल्यांकन कर रिटर्न सही ढंग से भर सकते हैं।
1. अच्छी तरह देख लें कि आप सही फ़ॉर्म भर रहे हैं:
यह पहला और सबसे ज़रूरी कदम है क्योंकि आय के स्वरूप या करदाता की श्रेणी के आधार पर यहाँ कई तरह के फ़ॉर्म हैं। यदि आपने गलत ITR फ़ॉर्म जमा कराया, तो आपको आईटी विभाग से एक नोटिस मिलेगा और आपको एक तय समय-सीमा में इस प्रक्रिया को फिर से करना पड़ेगा। आपका काम दुगना हो जाएगा!
2. सही मूल्यांकन वर्ष बताएँ:
एफ़वाई (वित्त वर्ष) और एवाई (मूल्यांकन वर्ष) के बीच चुन नहीं पा रहे हैं? एफ़वाई 2022-23 के लिए एवाई 2023-24 है। गलत एवाई लिखने पर अनावश्यक जुर्माना लग जाएगा।
3. सभी विवरण सही ढंग से भरें:
आपका नाम, पता, जन्म तारीख, पैन नंबर और दूसरे विवरण आपके पैन कार्ड से मेल खाने चाहिए। यदि आपको रिफ़ंड मिलने की उम्मीद है, तो सुनिश्चित करें कि आप सही बैंक खाता संख्या और आईएफ़एससी कोड लिखते हैं। सुनिश्चित करें कि सभी विवरण नियत फ़ॉरमैट में लिखे गए हैं।
4. यदि टीडीएस काटा गया है, तो भी अपना रिटर्न भरें:
आप ऐसा सोच सकते हैं कि जब आपके वेतन या किराये से आय पर टीडीएस काट लिया गया है, तो आपको स्व-मूल्यांकन कर रिटर्न भरने की कोई ज़रूरत नहीं है। लेकिन, वार्षिक 2.5 लाख रुपये से ज़्यादा आय वाले हर व्यक्ति के लिए आयकर भरना अनिवार्य है।
5. अपनी आय के सभी स्रोतों का खुलासा करें:
आपको अपनी आय या वेतन से आय के अलावा, अपने बचत खाते पर ब्याज, फ़िक्स्ड डिपॉज़िट पर ब्याज, गृह संपत्ति से किराये की आय, अल्पकालिक पूंजीगत लाभ से आय और दूसरे सभी आय स्रोतों का खुलासा करना होगा, चाहे वह करयोग्य हो या फिर छूट प्राप्त हो।
6. फ़ॉर्म 26एएस और टीडीएस का मिलान करें:
आयकर स्व-मूल्यांकन कर का भुगतान करने से पहले, याद से फ़ॉर्म 26एएस को अच्छी तरह पढ़ लें, जिसमें आपकी सारी आय, टीडीएस, भुगतान किए गए अग्रिम कर के अलावा और भी बहुत कुछ शामिल है। यदि आपके नियोक्ता आपके वेतन से टीडीएस काटते हैं, तो उनके द्वारा जारी किए गए फ़ॉर्म 16 में दी गए टीडीएस विवरण को फ़ॉर्म 26AS के साथ सत्यापित करें। इनके बीच कोई भी अंतर होने पर आप कर कटौतियों के लिए क्रेडिट खो सकते हैं, आपको कम रिफ़ंड मिल सकता है या आपको ज़्यादा करों का भुगतान करना पड़ सकता है। जबकि आपको कुछ निवेशों और खर्चों के माध्यम से एक वित्त वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक की कटौतियों का दावा करने की अनुमति है, फिर भी इस बारे में स्पष्ट रूप से पता कर लें कि कौन से खर्च योग्य हैं और कौन से नहीं।
7. एचआरए लाभ:
HRA लाभों का दावा करने के लिए, आपको अपनी कंपनी के पास अपने मकान मालिक के पैन विवरण और अपने किराए की रसीदें जमा करनी होंगी।
8. समय पर अपना स्व-मूल्यांकन कर रिटर्न भरें और उसे सत्यापित करें:
ऑनलाइन अपने कर भरने का काम पूरा करने के बाद याद से उन्हें सत्यापित ज़रूर करें। आप यह काम ऑनलाइन अपने बैंक, आधार कार्ड या अपने फोन से कर सकते हैं। यदि आप किसी वजह से इसे ऑनलाइन नहीं कर सकते हैं, तो 120 दिनों के भीतर इसे डाक से भेज दें। यह ज़रूरी है।
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निष्कर्ष के रूप में हम कह सकते हैं कि आयकर का भुगतान करना आसान है और इसे तीन तरीकों से किया जा सकता है - टीडीएस, अग्रिम कर और स्व-मूल्यांकन कर। स्व-मूल्यांकन कर का भुगतान आप तब करते हैं जब आपको पता चलता है कि आपसे कुछ आय छूट गई है या पर्याप्त टीडीएस नहीं काटा गया है। आप इसका भुगतान ऑनलाइन या खुद बैंक जाकर कर सकते हैं। अपने कर भरते समय सावधान रहें, गलतियों से बचें और अपने रिटर्न को सत्यापित करना बिल्कुल न भूलें। झंझट-मुक्त टैक्स सीज़न के लिए इस काम को समय पर करना बेहद ज़रूरी है।