गलत या आंशिक जानकारी और बेबुनियाद झूठी बातों से किसी प्रोडक्ट या सेवा को बहुत नुकसान पहुँच सकता है। और यूलिप के साथ भी बिल्कुल यही हुआ है।
आइए, इसे समझने के लिए धीरे-धीरे आगे बढ़ते हैं।
यूलिप प्लान क्या है?
यूलिप (यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस पॉलिसी) एक बहु उपयोगी बीमा प्रोडक्ट है, जो बुनियादी ज़रूरतों पर ध्यान देने के साथ-साथ जीवन बीमा और निवेश का दोहरा लाभ देता है।
सुनने में तो यह एक शानदार प्रोडक्ट लगता है, है ना? तो फिर यूलिप में निवेश करने को लेकर लोगों के मन में इतना संदेह क्यों है?
इसकी वजह यह है कि यूलिप के बारे में बहुत सी झूठी बातें फैली हुई हैं। सच कहें तो यूलिप को लेकर इन्हीं झूठी बातों की वजह से अक्सर लोग अपनी पॉलिसी को उसकी असली क्षमता तक पहुँचने से पहले ही सरेंडर कर देते हैं। और फलस्वरूप वे इसके सारे लाभ प्राप्त करने से चूक जाते हैं।
आइए, यूलिप के बारे में सबसे बड़ी झूठी बातों पर नज़र डालते हैं और सच का खुलासा करते हैं।
झूठी बात #1: यूलिप महंगा है।
यूलिप के बारे में एक बहुत ही लोकप्रिय झूठी बात यह है कि यूलिप एक महंगा सौदा है। यह बात पहले सच थी। उस समय, पॉलिसीधारक द्वारा भुगतान किए गए प्रीमियम से प्रीमियम आवंटन शुल्क काट लिया जाता था, जिससे शुरुआती निवेश राशि घट जाती थी। फिर, अलग-अलग फ़ंड में निवेश की गई राशियों से फ़ंड आवंटन शुल्क काट लिया जाता था, जिससे उन फ़ंड में निवेश की गई राशि घट जाती थी। इस तरह, यूलिप से प्राप्त होने वाले कुल रिटर्न पर गहरा असर पड़ता था। उदाहरण के लिए, मान लीजिए, सीमा ने 10% प्रीमियम आवंटन शुल्क और 2% फ़ंड आवंटन शुल्क वाले एक यूलिप में 1,00,000 रुपये निवेश किए। तो, ऐसे में प्रीमियम आवंटन शुल्क 10,000 रुपये और फ़ंड आवंटन शुल्क 2000 रुपये होंगे। सीमा की निवेशित राशि से ये राशियाँ घटा देने के बाद उसके पास निवेश करने के लिए सिर्फ़ 88,000 रुपये बचते हैं। वह शुल्क के रूप में खर्च हुए 12,000 रुपयों पर रिटर्न प्राप्त करने का अवसर खो देती है।
आज परिदृश्य इसका बिल्कुल उल्टा है। इससे पहले प्रीमियम आवंटन और फ़ंड प्रबंधन शुल्क करीब 6-10% थे। आज कम लागत वाले यूलिप के लिए करीब 0% से 5% (धारण के पहले 10 वर्षों के लिए) के बीच शुल्क लिया जाता है, जिससे यह साधन सभी के लिए सस्ता हो गया है। यदि आप ऑनलाइन देखेंगे, तो पाएँगे कि कुछ विकल्प बहुत ही शानदार हैं।
झूठी बात #2: निवेश करने के बाद आप फंस जाते हैं
क्या आपको पता है कि यूलिप सबसे लचीले निवेश हैं? और आप अपने जोखिम उठाने की इच्छा या जीवन के किसी विशेष चरण पर अपनी ज़रूरत के आधार पर अपने फ़ंड बदल सकते हैं? आइए, इस चीज़ को विस्तार से समझते हैं। इसके लिए हम 26 वर्षीया काव्या का उदाहरण लेते हैं, जिसने हाल ही में बैंक में अपना करियर शुरू किया है। वह एक ऐसे यूलिप में निवेश करती है जो ज़्यादा जोखिम वाले इक्विटी और कम जोखिम वाले डेट फ़ंड पेश करता है। इसमें 80% इक्विटी को और 20% डेट को आवंटित किया जाता है, जो कि उसकी जोखिम उठाने की इच्छा के मुताबिक है। जब वह 44-45 वर्ष की होती है और उसकी पारिवारिक ज़िम्मेदारियाँ बढ़ जाती हैं, तो उसकी जोखिम उठाने की इच्छा में बदलाव आता है। ऐसे मौके पर, यूलिप का लचीलापन उपयोगी साबित होता है: काव्य स्थिरता को चुनती है और 80% इक्विटी से 40% इक्विटी पर चली जाती है। जैसे-जैसे रिटायरमेंट का समय पास आता है, उसकी जोखिम उठाने की इच्छा और कम होने लगती है और वह अपने धन को सुरक्षित रखने के लिए 10% इक्विटी और 90% डेट पर चली जाती है। इस तरह, यूलिप आपको आपकी जोखिम उठाने की इच्छा में बदलावों और लक्ष्यों के आधार पर फ़ंड आवंटन को अनुकूलित करने देता है और काव्या की महत्वाकांक्षी युवावस्था, संतुलित अधेड़ जीवन और अनुदार रिटायरमेंट योजना जैसे जीवन चरणों की ज़रूरतों को पूरा करता है।
इसलिए, आप किसी खास समय की अपनी ज़रूरतों के अनुसार फ़ंड बदल सकते हैं। कितना बढ़िया है, है ना?
झूठी बात #3: ULIP में जोखिम है
ULIP के बारे में सबसे बड़ा झूठ यह है कि इसमें जोखिम है। ऐसी धारणा इसलिए है क्योंकि ULIP का निवेश वाला भाग इक्विटी से संबंधित है। यह अधूरे ज्ञान का अनूठा मामला है। हाँ, यूलिप बाज़ार से जुड़े हुए हैं, लेकिन क्या आपको मालूम है कि आप अपनी जोखिम उठाने की इच्छा के अनुसार योजना चुन सकते हैं? फ़ंड अलग-अलग लक्ष्यों के साथ काम करते हैं। यदि आप अनुदार हैं, तो आप डेट फ़ंड चुन सकते हैं। यदि आप 'रिस्क है तो इश्क है' सोच वाली श्रेणी में आते हैं, तो आपको कुछ सोचने की ज़रूरत नहीं है, आप सीधे सबसे आक्रामक इक्विटी लिंक्ड फ़ंड चुन सकते हैं। और यदि आप उस श्रेणी में आते हैं जो दोनों पक्षों के सर्वश्रेष्ठ पेशकशों का लाभ लेना चाहता है, तो आप संतुलित फ़ंड चुन सकते हैं। सबसे बढ़िया चीज़ यह है कि आपके पैसे के एक भाग को बाज़ार से संबंधित साधनों में निवेश किया जाता है, जबकि बाकी पैसा आपके जीवन बीमा में चला जाता है।
झूठी बात #4: म्यूचुअल फ़ंड की तुलना में यूलिप कम रिटर्न देता है
एक तरह से यह सेब की तुलना संतरे से करने जैसा है। म्यूचुअल फ़ंड एक ऐसा साधन हैं जो आपके लिए धन-सृजन के लक्ष्य के साथ काम करते हैं। दूसरी तरफ़, यूलिप निवेश विकल्प तो प्रदान करते हैं, लेकिन उनका मुख्य लक्ष्य आपके जीवन का बीमा करना है। फिर भी, आप पूरी सावधानी से योजना बनाकर एक अच्छे फ़ंड्स का सेट चुन सकते हैं और अनुकूल समय पर फ़ंड बदलकर बढ़िया रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। तो, अगली बार जब भी आप यूलिप से मिलने वाले रिटर्न की तुलना म्यूचुअल फ़ंड के रिटर्न से करें, तो यूलिप से मिलने वाले बीमा कवर को भी उसमें ज़रूर जोड़ें। जब आप छोटे-छोटे विवरणों में न उलझकर बड़ी तस्वीर पर ध्यान देंगे, तो आप समझ जाएँगे कि कुल मिलाकर यूलिप ही ज़्यादा लाभदायक हैं!
झूठी बात #5: यूलिप योजना को समय से पहले सरेंडर करना गलत फ़ैसला है
यह सच नहीं है। पाँच वर्ष की अनिवार्य लॉक-इन अवधि की समाप्ति के बाद, आप मैच्योरिटी से पहले अपना यूलिप सरेंडर कर सकते हैं। योजना के मैच्योर होने से पहले आप पूर्ण निकासी कर सकते हैं और फ़ंड वैल्यू प्राप्त कर सकते हैं। आपको किसी प्रकार की एग्ज़िट पेनल्टी नहीं देनी पड़ेगी। लेकिन, आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप यूलिप के अनिवार्य पाँच वर्ष की लॉक-इन अवधि पूरी होने से पहले सरेंडर न करें। हालाँकि, बेहतर यह होगा कि ज़्यादा से ज़्यादा रिटर्न पाने के लिए आप लंबे समय तक निवेशित रहें।
अब जब यूलिप के बारे में इन झूठी बातों का पर्दाफ़ाश हो चुका है, तो आप फ़ौरन किसी एक में निवेश कर सकते हैं। यूलिप में निवेश करना ज़रा भी मुश्किल नहीं है।
यूलिप योजनाओं में कैसे निवेश करें?
आपको इसके लिए सिर्फ़ तीन आसान कदम उठाने हैं।
1) ऑनलाइन जाएँ और वहाँ उपलब्ध विभिन्न विकल्पों को देखें।
2) उनकी तुलना करें और उनमें अंतरों पर ध्यान दें। पर्याप्त जीवन बीमा, विस्तारित निवेश अवधि, लगाए गए शुल्क और प्रदान किए जाने वाले कर लाभों को अच्छी तरह देख लें।
3) अपने वित्तीय लक्ष्यों को ध्यान में रखें। इनमें आपके बच्चों की उच्च शिक्षा, आपकी रिटायरमेंट योजना, वगैरह शामिल हो सकते हैं। अपनी जोखिम उठाने की इच्छा का मूल्यांकन करें। कोई ऐसी योजना चुनें जो आपकी ज़रूरतों के साथ मेल खाती है और बस आपका काम हो गया!
वैसे तो बाज़ार में बहुत सारे विकल्प हैं जिनमें से आप चुन सकते हैं, लेकिन इंडिया फ़र्स्ट लाइफ़ ऐसी तीन योजनाएँ प्रदान करता है जो जीवन बीमा कवर, निवेश में वृद्धि और आपके वित्तीय लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए कई निवेश कार्यनीतियों का विकल्प देती हैं। इंडिया फ़र्स्ट लाइफ़ रेडियंस स्मार्ट इन्वेस्ट प्लान, इंडिया फ़र्स्ट लाइफ़ वेल्थ मैक्सिमाइज़र प्लान और इंडिया फ़र्स्ट मनी बैलेंस प्लान में से चुनें।
यूलिप आपको धन-सृजन और आपके जीवन का बीमा करने में मदद करते हैं, जिससे आप अपने प्रियजनों को सुरक्षित रख सकते हैं। अपने एसेट पोर्टफ़ोलियो में इस साधन को शामिल करने की यह एक बहुत ही ठोस वजह है।