लाइफ इंश्योरेंस क्या है?
मूलतः, एक जीवन बीमा पॉलिसी यह जीवन बीमा प्रदाता और पॉलिसी धारक के बीच हस्ताक्षर किया हुआ एख
भारतीय नागरिक के रूप में, आपके कुछ निश्चित अधिकार हैं जो अपरिहार्य हैं। हालाँकि, आपके अधिकार सिक्के के एक पहलू का प्रतिनिधित्व करते हैं। अधिकार और जिम्मेदारियां साथ-साथ चलते हैं। चाहे आप एक व्यक्ति हो या कोई व्यवसायिक संस्था, वेतन और अन्य आय से आयकर का भुगतान करना अनिवार्य जिम्मेदारी है।
किसी भी दिए गए वित्तीय वर्ष में आपके द्वारा अर्जित की गई सम्पूर्ण आय पर आयकर लगाया जाता है। आपकी आयकर गणना में वेतन के रूप में और अन्य स्रोतों से अर्जित आय को भी लिया जाता है। आय की गणना का एक अन्य पहलू छूट और कटौतियों की गणना करना है। आयकर की यह गणना कुछ लोगों के लिए जटिल हो सकती है। सबसे आसान काम यह है कि इंडियाफर्स्ट लाइफ इनकम टैक्स कैलकुलेटर जैसे किसी सटीक ऑनलाइन आयकर कैलकुलेटर की मदद से आयकर की गणना ऑनलाइन करें।
यह उपयोगी आयकर गणना उपकरण आपकी निम्न प्रकार से मदद कर सकता है:
केंद्रीय बजट 2020 में, वित्त मंत्रालय ने नई और पुरानी व्यवस्थाओं के बीच चयन करने के लिए कर दाताओं को अद्वितीय मौका दिया है। अत:, आप तय कर सकते हैं कि कौन सी व्यवस्था आपके लिए बेहतर है। इंडियाफर्स्ट लाइफ न्यू आयकर कैलकुलेटर आपको अपने करों की योजना बनाने, अधिकतम कर लाभ प्राप्त करने, सभी संभावित कटौतियों और छूटों को प्राप्त करने और आयकर की गणना ऑनलाइन करने में मदद करता है।
इंडियाफर्स्ट लाइफ आयकर कैलकुलेटर एक ऑनलाइन टूल है जो आपको ऑनलाइन कर की गणना करने में मदद करने के लिए बुनियादी परंतु जरूरी जानकारी का उपयोग करता है। ऑनलाइन आयकर कैलकुलेटर का उपयोग करके गणना करने हेतु वार्षिक वेतन, भुगतान की गई किराए की राशि, प्रदत्त प्रीमियम, ट्यूशन/स्कूल व्यय, शिक्षा ऋण पर दिया गया कोई ब्याज और आपके द्वारा वित्त वर्ष 2020-21 (आकलन वर्ष 2021-22) के लिए अलग की गई किसी भी बचत का ध्यान रखें। इस मूल जानकारी को भर कर आप अपनी कुल कर देयता को समझ सकते हैं और बिना समय गवाए आयकर की ऑनलाइन गणना कर सकते हैं।
वित्त वर्ष 2020-21 (आकलन वर्ष 2021-22) के लिए आयकर गणना हेतु यह ऑनलाइन आयकर कैलकुलेटर जीवन रक्षक है। नए केंद्रीय बजट के नियमों और विनियमों के साथ, आपके आयकर की गणना में इस पर विचार करना होगा कि पुरानी व्यवस्था में आपको न केवल वेतन से कितना आयकर देना होगा अपितु, नई व्यवस्था में भी भुगतान करना होगा। वित्त वर्ष 2020-21 (आकलन वर्ष 2021-22) के लिए ऑनलाइन आयकर कैलकुलेटर आपको ऐसा करने में मदद करेगा। यह कर योग्य आय कैलकुलेटर, त्वरित और सीधे तरीके से नई और पुरानी कर व्यवस्थाओं में आपकी कुल कर देयता की गणना करने में आपकी सहायता करने का एक औजार है। अनुमान लगाना छोड़े और कर की गणना ऑनलाइन करें।
ऑनलाइन इंडियाफर्स्ट लाइफ आयकर कैलकुलेटर का उपयोग पूरी तरह से नि:शुल्क है। आप कुल आय की गणना, कटौती और छूट कर गणना और आयकर ब्याज की गणना, आयकर गणना सूत्रों के सही होने के बारे में चिंता किए बिना, वेतन से आयकर की गणना करने के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं- इंडियाफर्स्ट लाइफ आयकर कैलकुलेटर एक कर बचत कैलकुलेटर है जो यह सब आपके लिए करता है और वह भी नि:शुल्क।
यह ऑनलाइन आयकर कैलकुलेटर, नई और पुरानी कर व्यवस्थाओं के तहत कुल देय कर राशि प्रदान करता है। चूंकि आयकर की गणना ऑनलाइन आयकर कैलकुलेटर द्वारा की जाती है, कोई भी व्यक्ति अपनी कर देयता की गणना करने के लिए इस सरल और सुविधाजनक उपकरण का उपयोग, कुछ बटनों पर क्लिक करके कर सकता है।
वित्त वर्ष 2020-21 (आकलन वर्ष 2021-22) के लिए आयकर की गणना करने के लिए, आपको कुछ वित्तीय विवरणों को तैयार रखना होगा। वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए, आयकर कैलकुलेटर एक नियोक्ता से प्राप्त मासिक आय को प्राथमिक आय स्रोत मानता है। किसी भी व्यक्ति के सकल वेतन में आमतौर पर मूल वेतन, महंगाई भत्ता, चिकित्सा और परिवहन भत्ता, ग्रेच्युटी लाभ, ऍनयूटीलाभ और कोई भी विशेष भत्ता शामिल है। इस सकल वेतन में से कटौती के बाद का हिस्सा कर योग्य आय है।
अन्य आय स्रोत जिन्हें शामिल करने की आवश्यकता होती है, इनमें व्यवसाय या पेशे से अर्जित आय, अल्पकालिक और दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ, घर की संपत्ति पर किराए से आय और अन्य स्रोतों से आय जैसेकि लाभांश आय, अर्जित ब्याज, एफडी ब्याज और कर योग्य उपहार, शामिल हैं।
यदि आप पुरानी कर व्यवस्था के तहत रहने का विकल्प चुन रहे हैं तो आयकर अधिनियम विभिन्न छूटों की अनुमति देता है जिन पर कर कटौती कैलकुलेटर द्वारा ध्यान दिया जाएगा जिसमें घर का किराया भत्ता, छुट्टी यात्रा भत्ता और कई छूट शामिल हैं। मानक कटौती को पहली बार 2018 के बजट में पेश किया गया था जिसमें रुपये 40,000 की कटौती दी गई थी। बाद में 2019 के बजट में यह राशि बढ़ाकर रु. 50,000 कर दी गई थी। हालाँकि, नई कर व्यवस्था में इनमें से किसी भी कटौती का लाभ नहीं उठाया जा सकता।
नई कर व्यवस्था को सरलीकृत व्यक्तिगत कर व्यवस्था के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। जो व्यक्ति विशिष्ट कटौतियों और छूटों को छोड़ देते हैं, नई कर व्यवस्था, इन नई कर दरों के साथ कर गणना के सूत्र को सरल बनाती है:
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उदाहरण के लिए, यदि आप रु.15 लाख सालाना अर्जित करते हैं और किसी भी प्रकार की कटौती या छूट का दावा नहीं करते हैं तो आपको सकल आय की गणना के बाद, पुरानी कर व्यवस्था में, कर के रूप में रु.2,73,000 और नई कर व्यवस्था में रु. 1,95,000 का भुगतान करना होगा।
(https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1601475)
नई कर व्यवस्था का विकल्प चुनने से पहले, यह समझना आवश्यक है कि कई कटौतियाँ और छूटें ऐसी हैं जिन्हें कोई भी व्यक्ति या एचयूएफ, नई कर व्यवस्था में, दावा नहीं कर पाएगा। यदि आप आयकर अधिनियम में नई जोड़ी गई धारा 115BAC के तहत कुल आय की गणना करना चुनते हैं तो ये कुछ छूट हैं जिनकी छूट के आप अब हकदार नहीं हैं:
मूलतः, एक जीवन बीमा पॉलिसी यह जीवन बीमा प्रदाता और पॉलिसी धारक के बीच हस्ताक्षर किया हुआ एख
आप पुरानी और नई व्यवस्था के तहत आने वाले कर स्लैब के आधार पर वेतन से आयकर की गणना कर सकते हैं। पुरानी व्यवस्था में, आयकर गणना आपकी सकल आय और आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80C के तहत दावा की गई किसी भी छूट/कटौती को ध्यान में रखती है। वेतन कर कैलकुलेटर, ऑनलाइन कर की गणना करके, आपकी आयकर गणना की प्रक्रिया में मदद करके, इसे आपके लिए आसान बना सकता है।
नई व्यवस्था में, वेतन से आयकर की गणना की प्रक्रिया वही रहती है। हालाँकि, नया आयकर कैलकुलेटर केवल उस कर स्लैब को, जिसमें आप आते हैं और नई कर व्यवस्था के तहत स्वीकार्य सीमित छूटों को ध्यान में रखेगा।
वेतन से आय की गणना, आप आयकर गणना सूत्र को लगाकर कर सकते हैं। हालांकि, यह थकाऊ और समय लेने वाली प्रक्रिया हो सकती है। मिनटों में कर की गणना करने के लिए, इंडियाफर्स्ट लाइफ आयकर कैलकुलेटर का उपयोग करें। ऑनलाइन आय और कर कैलकुलेटर का उपयोग नि:शुल्क है और आप के लिए जल्दी से संख्याओं की संगणना कर सकते हैं।
आय की गणना के बाद, इंडियाफर्स्ट लाइफ के ऑनलाइन आयकर कैलकुलेटर के द्वारा ऑनलाइन कर की गणना करें। यह आपको यह देखने में मदद करेगा कि कौन सी कर व्यवस्था आपके लिए अधिकतम लाभ प्रदान करती है। बजट 2020 में करदाताओं के लिए दोनों व्यवस्थाओं के विकल्प खुले रखे हैं। नई कर व्यवस्था का प्राथमिक लक्ष्य व्यक्तिगत आयकर गणना और भुगतान को आसान बनाना है। उन लोगों के लिए जो किसी छूट या कटौती का दावा नहीं करते हैं उन्हें नई कर व्यवस्था, आपके आयकर स्लैब के आधार पर, निम्न कर दर प्रदान करती है।
हालांकि, ऐसा करने के लिए, करदाता को कई छूटों और कटौतियों के लाभ छोड़ने होंगे जिसमें रु. 50,000 की मानक कटौती, एचआरए, एलटीए , आवास ऋण ब्याज, पीपीएफ अंशदान, जीवन बीमा पॉलिसियों के प्रीमियम का भुगतान, इक्विटी लिंक्ड बचत योजनाओं (ईएलएसएस) आदि में किए गए निवेश शामिल हैं। पुरानी कर व्यवस्था में यह सभी कटौतियाँ काफी रकम बचा सकती हैं।
इस पुरानी बनाम नई कर व्यवस्था के प्रश्नों के सभी उत्तर, इसमें समाहित नहीं हैं। यह आपके वर्तमान कर स्लैब और क्या आप पुरानी व्यवस्था के लाभों को छोड़ने के लिए तैयार हैं, पर निर्भर करता है। दोनों विकल्पों का मूल्यांकन करें, अपने लिए बेहतर विकल्प पर पहुँचने के लिए, ऑनलाइन आयकर कैलकुलेटर की मदद से आयकर की गणना करें।
हां, किसी भी व्यक्तिगत करदाता के पास वर्ष-दर-वर्ष पुरानी और नई व्यवस्थाओं के बीच स्विच करने का विकल्प होता है। यदि आप वेतनभोगी पेशेवर या एक पेंशनभोगी हैं तो आप नए कर कैलकुलेटर से जाँच कर सकते हैं कि आपको किस कर व्यवस्था में कितना बचत होगी। ऑनलाइन कर योग्य आय कैलकुलेटर से परामर्श करने के बाद सूचित विकल्प को चुने।
यदि आप अगले वर्ष अपना विचार बदलते हैं तो आप दूसरी कर व्यवस्था के विकल्प पर वापस आ सकते हैं और अगले वित्तीय वर्ष में फिर वापस जा सकते हैं। हालांकि, व्यवसाय से आय अर्जित करने वाले करदाताओं को यह स्विचिंग विकल्प उपलब्ध नहीं है। इसलिए, जब तक आप कोई व्यावसायिक आय अर्जित नहीं कर रहे हैं तब तक आप स्विच करने के लिए स्वतंत्र हैं।
नहीं। धारा 80 सी के तहत आप जो कटौती का लाभ उठा सकते हैं, वह खत्म नहीं हुई है। वे अभी भी उन लोगों के लिए उपलब्ध हैं जो पुरानी कर व्यवस्था के तहत फाइल करना पसंद करते हैं। हालांकि, नए आयकर कैलकुलेटर का उपयोग करके अपनी कर देनदारियों की गणना करने के बाद, यदि आप नई कर व्यवस्था के तहत फाइल करना पसंद करते हैं तो धारा 80 सी के तहत कटौतियों का दावा, अब उस कर वर्ष में आपके द्वारा नहीं किया जा सकता है।
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